जानना, उत्कृष्टता, लक्ष्य और कल्पनाएँ || आचार्य प्रशांत, युवाओ के संग (2012)

2019-11-29 0

वीडियो जानकारी:

संवाद सत्र
२६ नवंबर २०१२
आर.आर.एस.आई. एम.टी, अमेठी

प्रसंग:
जानने का सही मतलब क्या है?
कई बार हम जानते हैं की जो अभी कर रहे है वो भविष्य के लिए अच्छा नहीं है फिर भी उसे क्यों करते जाते है?
किसी भी काम में उत्कृष्टता कैसे लाये?
जीवन का क्या लक्ष्य हैं?
लक्ष्य और कल्पनाएँ में कैसे अंतर करें?

संगीत: मिलिंद दाते